शनिवार, 16 नवंबर 2019

धरती पर

जब-जब धरती पर
घाटी-सी कटान होगी
गहराइयाॅ बनेगी
तो पर्वत के कूबड़ तो अपने आप ही बन जाएंगे
जब-जब विषमता के खड्ढे बढ़ेंगे
तो बढेंगे धरती के भाग्यवान धनवान
बढेगी धरती पर भिखारियो की फ़ौज
तो यों ही कुछ न कुछ देते हुए इतराएंगे अन्नदाता
तालियों के बीच उपहार बटवाएंगे
सेल्फियाॅ खिचवाएंगे
अखबारों मे छपवाएंगे
जब-जब महंगी और ध्वस्त शिक्षा के कारण
सामूहिक मूर्खो और अशिक्षितो की आबादी बढ़ेगी
और बढेंगे ज्ञानचक्षुओ को
बन्द और अपहृत करने वाले बबान
जब-जब बढेगी धरती पर विषमता
और बढेंगे लाचार
बढेंगे धरती पर धरती के प्रभु- भगवान
होगी ही तब-तब धरती पर
लोकतंत्र और समानता के धर्म की हानि !
और तब तक
धरती पर सतयुग भी नहीं आएगा ।
रामप्रकाश कुशवाहा
07/11/2019