पुरुष वंश तो स्त्री अंश
मतकर हत्या रे नृशंस
नारी जगत की सिरजनहार
कुदरत का अनुपम उपहार
नारी नर पर भारी है
बचपन की रखवारी है
स्त्री है दुनिया की सार
बंद करो सब अत्याचार
नारी नहीं लाचारी है
हिम्मत की चिंगारी है
नारी नहीं बेचारी है
जीवन की फुलवारी है
नारी नर पर भारी है
जननी है अधिकारी है
चूड़ी कंगन बिंदी बंधन
आसमान का करेगी लंघन -
मतकर हत्या रे नृशंस
नारी जगत की सिरजनहार
कुदरत का अनुपम उपहार
नारी नर पर भारी है
बचपन की रखवारी है
स्त्री है दुनिया की सार
बंद करो सब अत्याचार
नारी नहीं लाचारी है
हिम्मत की चिंगारी है
नारी नहीं बेचारी है
जीवन की फुलवारी है
नारी नर पर भारी है
जननी है अधिकारी है
चूड़ी कंगन बिंदी बंधन
आसमान का करेगी लंघन -
रामप्रकाश कुशवाहा