मेरे लिए हर मस्तिष्क एक पाठ है
किसी आदिम गुफा में बन्द
सीलन भरी ठहरी हवा की तरह
मैं उसे नापसंद कर सकता हूँ ....
मेरे लिए हर इतिहास एक कल्पना है
और उसको अलग-अलग समूहों में
जाति की तरह जी रहे सारे लोग कल्पनाजीवी
मैं उसे तथाकथित सम्भ्रान्त व्यक्ति की शातिर मुस्कान और
पार्क के दूसरी छोर पर बने कूड़ा -घर के पास
हंसते हुए बैठे
उस पागल की हंसी की तरह पढ़ सकता हूँ
मैं पढ़ सकता हूँ
सड़क के दूसरी ओर जा रही उस स्त्री को
घूरते हुए उस आदमी का दिमाग
जिसकी चुभन से बचने के लिए
उसने अपनी चाल तेज कर दी है
और लगभग भागती हुई -सी
किसी शिकार की तरह निकल जाना चाहती है
शिकारी परिदृश्य के बाहर.....
वह लुच्चा जो अपनी आँखों से
खोद देना चाहता है उस युवती की देह .....
किसी आदिम गुफा में बन्द
सीलन भरी ठहरी हवा की तरह
मैं उसे नापसंद कर सकता हूँ ....
मेरे लिए हर इतिहास एक कल्पना है
और उसको अलग-अलग समूहों में
जाति की तरह जी रहे सारे लोग कल्पनाजीवी
मैं उसे तथाकथित सम्भ्रान्त व्यक्ति की शातिर मुस्कान और
पार्क के दूसरी छोर पर बने कूड़ा -घर के पास
हंसते हुए बैठे
उस पागल की हंसी की तरह पढ़ सकता हूँ
मैं पढ़ सकता हूँ
सड़क के दूसरी ओर जा रही उस स्त्री को
घूरते हुए उस आदमी का दिमाग
जिसकी चुभन से बचने के लिए
उसने अपनी चाल तेज कर दी है
और लगभग भागती हुई -सी
किसी शिकार की तरह निकल जाना चाहती है
शिकारी परिदृश्य के बाहर.....
वह लुच्चा जो अपनी आँखों से
खोद देना चाहता है उस युवती की देह .....