सोमवार, 10 मार्च 2014

विवेक की साधना

 हाँ मुझे करनी है विवेक की साधना
मुझे जीना सीखना होगा ईश्वर एवं पिता के बिना 
जैसा कि मुझे बताया गया था 
कि परमपिता ईश्वर सबकी इच्छाओं और सबके स्वार्थों का प्रतिनिधि है 
इस पतनशील सामूहिकता के समय में 
उसकी जिम्मेदार सत्ता के प्रतिनिधि के रूप में 
मुझे उससे असहमति के लिए भी तैयार रहना होगा 
और एक लम्बे निर्वासन और उपेक्षा के लिए भी 

सम्भव है मनुष्य को अपना बंधुआ बनाये रखने वाली 
मनुष्यविरोधी सत्ताधारी शक्तियां मुझे पसंद न करें 
शक्त्तियां जो सामूहिक मूर्खता को 
सामूहिक समझदारी के रूप में विज्ञापित करती रहती हैं 
जिन्होंने एक बड़ी भीड़ को 
अपने बुने भ्रमजालों में फंसा लिया है 
और किसी अनुचित जातीय एकता की तरह अश्लील 
आश्वस्त और निर्लज्ज हो गयी हैं 

फिलहाल तो अब तक का भय,दुःख और मृत्यु कारक ईश्वर 
एक भगदड़ की तरह है 
जो रौंदते समय में नहीं सोच पाता कि 
कौन कुचला जा रहा है और क्यों ?

फिलहाल तो ईश्वर एक निर्णायक त्रासदी है 
जिसपर किसी भी टिप्पणी का कोई अर्थ नहीं है। 

विवेक की साधना

 हाँ मुझे करनी है विवेक की साधना
मुझे जीना सीखना होगा ईश्वर एवं पिता के बिना 
जैसा कि मुझे बताया गया था 
कि परमपिता ईश्वर सबकी इच्छाओं और सबके स्वार्थों का प्रतिनिधि है 
इस पतनशील सामूहिकता के समय में 
उसकी जिम्मेदार सत्ता के प्रतिनिधि के रूप में 
मुझे उससे असहमति के लिए भी तैयार रहना होगा 
और एक लम्बे निर्वासन और उपेक्षा के लिए भी 

सम्भव है मनुष्य को अपना बंधुआ बनाये रखने वाली 
मनुष्यविरोधी सत्ताधारी शक्तियां मुझे पसंद न करें 
शक्त्तियां जो सामूहिक मूर्खता को 
सामूहिक समझदारी के रूप में विज्ञापित करती रहती हैं 
जिन्होंने एक बड़ी भीड़ को 
अपने बुने भ्रमजालों में फंसा लिया है 
और किसी अनुचित जातीय एकता की तरह अश्लील 
आश्वस्त और निर्लज्ज हो गयी हैं 

फिलहाल तो अब तक का भय,दुःख और मृत्यु कारक ईश्वर 
एक भगदड़ की तरह है 
जो रौंदते समय में नहीं सोच पाता कि 
कौन कुचला जा रहा है और क्यों ?

फिलहाल तो ईश्वर एक निर्णायक त्रासदी है 
जिसपर किसी भी टिप्पणी का कोई अर्थ नहीं है। 

रविवार, 2 मार्च 2014

नामवर होने के लिए

नए  आलोचक मित्र नें कहा -कविता लिखते हो !
सिर्फ कविता लिखने से ही काम नहीं चलेगा
कोई आलोचक भी होना चाहिए तुम्हारे पास

मैंने कहा-आलोचक  बनना  चाहते हो !
कोई वाणिज्यिक* है तुम्हारे पास !
फिर क्या ख़ाक बनोगे और बनाओगे लोगों को नामवर* !

*व्यवसायी, वणिक,  प्रकाशक,  बनिया
**नामी ,प्रसिद्ध।