जीवन का रास्ता चिन्तन का है । चिन्तन जीवन की आग है तो विचार उसका प्रकाश । चिन्तन का प्रमुख सूत्र ही यह है कि या तो सभी मूर्ख हैं या धूर्त या फिर गलत । नवीन के सृजन और ज्ञान के पुन:परीक्षण के लिए यही दृष्टि आवश्यक है और जीवन का गोपनीय रहस्य । The Way of life is the way of thinking.Thinking is the fire of life And thought is the light of the life. All are fool or cheater or all are wrong.To create new and For rechecking of knowledge...It is the view of thinking and secret of life.
शनिवार, 18 जनवरी 2014
सभ्यता और शैतान
मैं नास्तिक नहीं हूँ क्योंकि
मैं शैतान होने पर पूरा विश्वास करता हूँ
मैं मानता हूँ कि ईश्वर भले ही मानवजाति की
एक आदर्शवादी कल्पना हो
लेकिन शैतान तो वास्तव में है !
मैं चाहता हूँ कि जब सामने आकर कोई बस रुके
निर्भया यह बिलकुल न सोचे कि
उसे लेकर मेरे लिए लाया लाया है कोई देवदूत
वह यह भी सोचे कि
उसे मृत्यु और दुष्कर्म के देवता
शैतान नें भेजा होगा। ।
कि जनता अपने नेताओं में छिपे
शैतानी मन्सूबों को भी पढ़ना सीखे
द्वार खोलने से पहले सोच ले उसकी आहट
शैतान जो चिरंतन शत्रु है मानवजाति का
उसकी चूकों और चुनौतियों के पीछे है
उसके हिंसक काले बर्बर अतीत में है
उसकी सभ्यता और संस्कृति का
सर्वकालिक अचेतन है।
इसतरह मुझे शैतान के होने पर
उतना ही विश्वास है
जितना कि इस बात पर कि
ईश्वर का होना
मानव जाति की आदर्शवादी कल्पना है
बात सिर्फ इतनी ही है कि मनुष्य चाहता है कि
वास्तव में ईश्वर हो !
मैं नास्तिक नहीं हूँ
क्योंकि वैसे भी यह समय
पूंजीवादी व्यवस्था में अराजक असुरक्षा का है
जहा सभी को उसकी अपनी समझ और सामर्थ्य पर
लड़ने ,जीतने और जीने के लिए छोड़ दिया गया है
इसतरह यह समय कहीं से भी मानवतावादी नहीं
सिर्फ सिरफिरे शैतान का है
जब तक चूक और चुनौतियां है
म्रत्यु और जीवन की निरीहाताएं हैं
शैतान बना रहेगा सिद्धान्त रूप में
जबतक मनुष्य का अप्रत्याशित आदमखोर व्यवहार है
उसके भीतर अपराधी प्रवृत्तयों के करक अनसुलझे जीन हैं
शैतान की सैद्धांतिक सत्ता बनी रहेगी। …
मैं शैतान होने पर पूरा विश्वास करता हूँ
मैं मानता हूँ कि ईश्वर भले ही मानवजाति की
एक आदर्शवादी कल्पना हो
लेकिन शैतान तो वास्तव में है !
मैं चाहता हूँ कि जब सामने आकर कोई बस रुके
निर्भया यह बिलकुल न सोचे कि
उसे लेकर मेरे लिए लाया लाया है कोई देवदूत
वह यह भी सोचे कि
उसे मृत्यु और दुष्कर्म के देवता
शैतान नें भेजा होगा। ।
कि जनता अपने नेताओं में छिपे
शैतानी मन्सूबों को भी पढ़ना सीखे
द्वार खोलने से पहले सोच ले उसकी आहट
शैतान जो चिरंतन शत्रु है मानवजाति का
उसकी चूकों और चुनौतियों के पीछे है
उसके हिंसक काले बर्बर अतीत में है
उसकी सभ्यता और संस्कृति का
सर्वकालिक अचेतन है।
इसतरह मुझे शैतान के होने पर
उतना ही विश्वास है
जितना कि इस बात पर कि
ईश्वर का होना
मानव जाति की आदर्शवादी कल्पना है
बात सिर्फ इतनी ही है कि मनुष्य चाहता है कि
वास्तव में ईश्वर हो !
मैं नास्तिक नहीं हूँ
क्योंकि वैसे भी यह समय
पूंजीवादी व्यवस्था में अराजक असुरक्षा का है
जहा सभी को उसकी अपनी समझ और सामर्थ्य पर
लड़ने ,जीतने और जीने के लिए छोड़ दिया गया है
इसतरह यह समय कहीं से भी मानवतावादी नहीं
सिर्फ सिरफिरे शैतान का है
जब तक चूक और चुनौतियां है
म्रत्यु और जीवन की निरीहाताएं हैं
शैतान बना रहेगा सिद्धान्त रूप में
जबतक मनुष्य का अप्रत्याशित आदमखोर व्यवहार है
उसके भीतर अपराधी प्रवृत्तयों के करक अनसुलझे जीन हैं
शैतान की सैद्धांतिक सत्ता बनी रहेगी। …
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