बुधवार, 15 मई 2019

आत्मा का रहस्य

आत्मा या प्राण की अवधारणा जीवन की अवधारणा से भिन्न है । अलग-अलग संस्कृतियो कै विश्वासों मे भी अन्तर है । मरने के बाद भी  इसकी अवधारणा मे जैव विद्युतीय रूप मे अस्तित्वमान रहना प्रमुख है । इस्लाम आदि मे बलि प्रथा द्वारा आत्मा के पोषण एवं दीर्घजीवन का विश्वास है । भारतीय संस्कृति एवं जनजातीयो मे भी ऐसा ही विश्वास मिलता है । जीवों  मे जैव विद्युत का उत्पादन, एवं  विद्युतीय आवेश की प्रकृति का अध्ययन  होना चाहिए । जैसे जनरेटर बन्द होते ही विद्युतीय आपूर्ति बन्द हो जाती है ,वैसा है या जैसे आकाशीय बिजली तड़ित का आवेश चमक के बाद भी धरती मे समाने तक आवेश रूप मे बनी रहती है-वैसा है । तड़ित की तरंह है तो कुछ समय तक और कुछ स्थितियो मे आत्मा के आवेश रूप मे बने रहने की संभावना  को सिद्धान्ततः स्वीकार करना होगा । जो भी होगा प्रकृति के नियमों के अधीन ही होगा ।