शनिवार, 8 अगस्त 2015

शांति-दर्शन

सबसे  पहले  उनके ईश्वर को क्षमा करें 
फिर सारी दुनिया को .....

ईश्वर जो उनके दर्शन के अनुसार 
सारे  बलात्कारियों और  हत्यारों में 
प्रेरणा रूप में मौजूद था ....

उस ईश्वर को ...जिसकी इच्छा के बिना 
हिलता नहीं है एक भी पत्ता 
ईश्वर जो वही चाहता रहा है 
जिसे बलपूर्वक चाहती और कारित करती रही है 
समय  की सत्ता ....

क्षमा करना ही होगा उस ईश्वर को 
और उसे बदल जाने के लिए देना होगा अतिरिक्त समय 
क्योकि ईश्वर 
जो न  सिर्फ अदृश्य है बल्कि चालाक 
और उसकी अघोषित सहमति और लिप्तता के बावजूद 
कभी भी तलाशे नहीं जा सकते किसी हथियार पर 
उसकी उँगलियों के रक्तरंजित  निशान
यदि प्रायश्चित करना चाहे 
तो उस ईश्वर को मेरी और से क्षमा 

जिसने इस धरती पर अपने बीजे सपनों  के लिए 
लड़ रहे हत्यारों की फौज खड़ी कर दी है -
अचेतन स्वप्न एवं नींद में 
हत्या करने वालों की जालिम फौज ....