शुक्रवार, 31 मार्च 2017

कालनेमि और दु:शासन

हम भारतीयों के लिए रामकथा का कालनेमि और महाभारत का दु:शासन अत्यंत ही चेतावानीपूर्ण एवं उपयोगी चरित्र हैं | कालनेमि को मैं मूर्ख शुभचिंतक के रूप में देखता हूँ | ऐसा मूर्ख शुभचिंतक जो कभी-कभी प्रशंसा से ही नुकसान पहुंचा देता है | रामकथा में कालनेमि का अपराध यह था कि राम की प्रशंसा में उसने हनुमान का इतना समय बरबाद कर दिया था कि लक्ष्मण की संजीवनी बूटी के अभाव में जान भी जा सकती थी | इस दृष्टि से कभी-कभी चाय और नाश्ता करने के चक्कर में ट्रेन छुड़ा देने वाले रिश्तेदार भी कालनेमि की भूमिका में ही होते हैं | इसीतरह अपनी पार्टी के सत्ता में आते ही उचित-अनुचित की परवाह किए बिना आपराधिक आचरण करने वाले भक्त कई बार दु :शासन की निंदनीय भूमिका में होते हैं |जिसप्रकार महाभारत में शकुनी के जुआ जीतते ही दु:शासन द्रौपदी के ही निर्लज्ज अनावरण में लग गया था ,वैसे ही दु:शासन के कलयुगी उत्तराधिकारी भी थोडा -सा ही मौका पाते ही निर्लज्जतापूर्वक नाचने लगते हैं |
इधर मैंने दु:शासनों से सम्बंधित कई खबरें पढ़ीं | दो निलंबित पुलिस वाले जो रिश्ते के भाई और बहन को पकड़ कर उन्हें घूस न देने पर आपस में रोमियो जूलिएट मानकर बंद कर देने की धमकी दे रहे थे | उन दु:शासनों को यह नहीं पता था कि पुलिस के नाकारा होने के कारण ही पारिवारिक अंगरक्षक के रूप में भाई साथ में भेजे जाते हैं | 
इस तरह के मनबढ़ दु:शासन भक्त अपनी पार्टी की गलत छवि जनता के बीच फैलाते हैं और अपनी पार्टी के पुण्य को ही क्षयित करते हैं और उम्र कम करते हैं | इससे एक अघोषित आपातकाल होने का वातावरण सृजित होता है | जिससे पार्टी की छवि धूमिल होती है | माननीय मुख्यमंत्री जी को अपनी पार्टी के ऐसे दु:शासनों से सजग रहना चाहिए | इससे उन मुक्त-विवेकी मतदाताओं को गहरी ठेस लगती है जो अपने द्वारा दिए गए मत का अहंकार पूर्ण और आपराधिक प्रयोग देखकर अगली बार दम्भी पार्टी को सजा देने की सोचने लगते हैं | किसी भी पार्टी के लिए इन सज्जन जज मतदाताओं की अनदेखी करना आत्म-विनाशक ही कहा जाएगा |