तलाश
उफनती नदी की बाढ़ की तरह था
जब अन्तः स्रावी ग्रन्थियाॅ
पागल नृत्य कर रही थीं
जब देह में सबसे अधिक बन रहे थे
प्यार के मनोरसायन
जब मैं तुम्हारे
यानी अपनी पूरी प्रजाति की रक्षा के लिए
सारी दुनिया से लड़ सकता था
तब तुम कहाँ थी मेरा प्यार !
जब मैं भटक रहा था तुम्हारी तलाश में
नगर-वन उपवन
उन्मन-अनुमन
तुम्हें कहाँ छिपा रखा था मेरी प्रजाति ने ?
योग्यता और तैयारी
प्रेम
प्रजाति की रक्षा के लिए तपस्या है
प्रेम अस्तित्व का आनन्दपूर्ण उत्सव है
प्रेम अभिभावक बनने का जोखिम उठाने की तैयारी है
मेरा यौवनकाल
प्रेम के लिए योग्यता अर्जित करने की
तैयारी में चला गया