गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

शब्दोत्सव में

कुछ शब्दों को दुहाराएंगे 
कुछ को नया बनाएँगे
कुछ को अगली बार रचेंगे 
कह-सुनकर मुस्काएंगे