गुरुवार, 3 जनवरी 2019

जीवन-बोध

नश्वरताबोध  हमारे सांस्कृतिक चिन्तन की मूल  प्रेरणा है ।  प्रलय,कयामत,शून्य और अंधेरा आदि इस सृष्टि के पृष्ठभूमि स्तर के सच हैं इसके बावजूद सृष्टि सूर्य जीवन प्रकाश आदि उपस्थितियो का अपना महत्व है । विज्ञान भी प्रकृति के गुणधर्म और संभावनाओ का ही अध्ययन करता है । आविष्कार भी वही हो सकेंगे जिनकी प्रकृति अनुमति देगी ।रसायनों के यौगिक क्रिया-अभिक्रिया के रूप मे हमारी एक वैज्ञानिक इयत्ता भी है ।हम सभी का जीनकोड वैज्ञानिक दृष्टि से भी सुरक्षित और संरक्षित है । हमारा होना उतना मिथ्या और काल्पनिक भी नहीं। है जितना धर्म और मायावादी बतलाते हैं  । ऐसा      सोचना ताजे  खिले फूल को इसलिए कोसने जैसा है कि वह एक दिन मुरझा जाएगा । हमे जीवन का सम्मान करना चाहिए।