एक भीड़ इधर
एक भीड़ उधर
बीच में भगदड़
एक शेर इधर
एक शेर उधर
बीच में गीदड़ ....
एक भीड़ उधर
बीच में भगदड़
एक शेर इधर
एक शेर उधर
बीच में गीदड़ ....
हर यात्री दिशाहीन
मंजिल का पता नहीं
रस्ते भर फैले हुए
यात्रा के दलाल ...
मंजिल का पता नहीं
रस्ते भर फैले हुए
यात्रा के दलाल ...
हर जीवन
भविष्य की दिशा में जाता है
जबकि हर पूर्वनिर्धारित रास्ता
किसी बासी मंजिल का पता बतलाता है
अनसुलझे और भ्रमित वर्त्तमान की
चक्करदार गलियों में
बार-बार घुमाता है ...
भविष्य की दिशा में जाता है
जबकि हर पूर्वनिर्धारित रास्ता
किसी बासी मंजिल का पता बतलाता है
अनसुलझे और भ्रमित वर्त्तमान की
चक्करदार गलियों में
बार-बार घुमाता है ...
हर नयी मंजिल
नए रस्ते मांगती है
हर नया सृजन
बिलकुल नयी आवश्यकताओं की पीठ पर
बैठा हुआ आता है
हर नया सृजन और सर्जक
निर्माण की पुरानी आदतों से उबा हुआ होता है
हर नए निर्माण
नयी घटना के लिए
पुरानी रूढ़ियाँ व्यर्थ होती हैं
व्यर्थ हो जाते हैं सारे संसाधन .....
नए रस्ते मांगती है
हर नया सृजन
बिलकुल नयी आवश्यकताओं की पीठ पर
बैठा हुआ आता है
हर नया सृजन और सर्जक
निर्माण की पुरानी आदतों से उबा हुआ होता है
हर नए निर्माण
नयी घटना के लिए
पुरानी रूढ़ियाँ व्यर्थ होती हैं
व्यर्थ हो जाते हैं सारे संसाधन .....
क्योंकि जिन्हें बदलना है
उन्हीं से सहयोग नहीं लिया जा सकता
जिन्हें निरस्त करना है
न ही दिखाई जा सकती है उन पर करुणा
इसतरह स्वयं बाहर निकले बिना
कुछ भी बदला नहीं जा सकता .....
14.10 .2016
उन्हीं से सहयोग नहीं लिया जा सकता
जिन्हें निरस्त करना है
न ही दिखाई जा सकती है उन पर करुणा
इसतरह स्वयं बाहर निकले बिना
कुछ भी बदला नहीं जा सकता .....
14.10 .2016