सारी उडाने असमर्थता से शुरू हुई थीं
पिता के आदेशों और अनुशासनों से बंधे हुए मन के भीतर
उड़ता रहा मन पिता के प्रतिबंधों के दायरे में
अपनी जीवित देह छोड़कर
सामने से सायरन बजाते हुए गुजर रही थीं पुलिस की गाड़ियाँ
मैं जितना ही डरता गया
पुलिस से बचने के लिए पुलिस में भारती होने की सोचने लगा
पुलिस वाले नेताओं की ड्यूटी में थे
फिर मैं भी देखने लगा स्वप्न
की मैं भी घिरा रहूँ ऐसे ही पुलिस से
सबसे चमकदार वस्त्र और सबसे असरदार मुस्कान में
पिता के आदेशों और अनुशासनों से बंधे हुए मन के भीतर
उड़ता रहा मन पिता के प्रतिबंधों के दायरे में
अपनी जीवित देह छोड़कर
सामने से सायरन बजाते हुए गुजर रही थीं पुलिस की गाड़ियाँ
मैं जितना ही डरता गया
पुलिस से बचने के लिए पुलिस में भारती होने की सोचने लगा
पुलिस वाले नेताओं की ड्यूटी में थे
फिर मैं भी देखने लगा स्वप्न
की मैं भी घिरा रहूँ ऐसे ही पुलिस से
सबसे चमकदार वस्त्र और सबसे असरदार मुस्कान में