कभी सृष्टि के उद्भव -काल में
अंतरिक्ष व्यापी अँधेरे की मिट्टी में ही
बीज की तरह अंकुराई होंगी जीवन की आँखें
अँधेरे की जड़ता के विरुद्ध
अग्निधर्मी-प्रकाशजीवी
आज भी खेल रहीं हैं वे
अँधेरे से आँख-मिचौनी ,नोक-झोंक ,मुठभेङ
अँधेरे में आज भी डूब जाती है आँखों की नाव
अदृश्यता के घोर -अथाह समुद्र में
अँधेरे में सब कुछ होते हुए भी
कुछ भी दिखाई नहीं देता
इस तरह अँधेरा चीजों को गायब नहीं करता
सिर्फ अँधेरे की अनन्त तानाशाही
अनुशासन के नाम पर
सारे अस्तित्वों को छिपाकर रखना चाहती है
कभी कानून -व्यवस्था तो
कभी पवित्र संयम के नाम पर.....
जहरीला धुंआ उगल रही हैं अंधेरे की फैक्ट्रियां
कारखानों में लगातार बढ़ रहा है अँधेरे का उत्पादन
बाजार में लोग आँखें बेच रहे हैं और आँखें खरीद रहे हैं
फिर भी लोगों के बीच
महामारी की तरह फैलता और बढ़ता ही जा रहा है अंधापन
समय का माफिया
रंग-बिरंगी बोतलों और आकर्षक पैक में
बहुत ही कम कीमत पर बेच रहा है
अँधेरे का नशीला पेय
अँधेरे नें भक्षण कर लिया है सूरज का
तीनों लोकों में फैलता ही जा रहा है अंधियारा
अँधेरा सडकों पर है
नदियों में है और हवा में भी …
शहर में धडाधड खुल रही हैं अँधेरे की दुकानें
अँधेरे के व्यापारी आकर्षक एवं पेशेवर ढंग से
समय का महत्व बता रहे हैं
अँधेरे की सबसे विशालतम रेंज उतारी है
अँधेरे का एकाधिकार उत्पादन करने वाली कम्पनी नें -
अँधेरे की टाफी
अँधेरे की काजल
अँधेरे की लिपस्टिक
अँधेरे की साडी
अँधेरे की गाडी
अँधेरे की टोपी
अँधेरे की मिठाई
अँधेरे का पेय -जिसे पीते ही आँखें
बंद कर देती हैं कुछ भी देखना
यद्यपि आँखे खुली-खुली सी रहती हैं
कान सुन रहे होते हैं
लेकिन दिमाग बंद कर देता है
अँधेरे के बारे में सोचना ....
अब दिन हो या रात
कोई फर्क नहीं पड़ता
अँधेरे की सबसे अच्छी रात
और सबसे अच्छे दिन हाँ ये
अँधेरे की सबसे मीठी -मोहक नींद
ले रहे समय में
लोगों के मस्तिष्कों नें बिल्कुल
बंद कर दिया है
अँधेरे और उसके दुष्परिणामों के बारे में सोचना
आशंकाओं से मुक्त
बिल्कुल निर्द्वन्द्व और भयहीन
शांत अँधेरे समय में
सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे हैं
अँधेरे के अखबार
अँधेरे के किताबों की
रिकार्ड तोड़ बिक्री जारी है ....
कृष्णा पक्ष के इस पक्षघतिक अँधेरे में
शुन्य काल के नायक के शयन -कक्ष में
समय का विकलांग सर हिल रहा है
सिर्फ हाँ -हाँ करता हुआ
किसी गलत समय बताने वाली घडी के
जिद्दी -बेशर्म पेंडुलम की तरह.....